नाग कूआं मान्दिर बनास वाराणसी के इुस मपोखरे मतालाब) के अन्दर एक कुआं है और उस मकए के अन्दर है बहुत ही स्राचौनामशिवलिंग । साल में बस मनागपंचमी के दिन ही यहां परम शिवलिंग के मंदर्शन मिलते हैं। शिवव की इुस मनगरी से जाता है मनाग- लोक का रास्ता, तस्वीर देख कर रह दंग हो जायंगे दंगवाराणसी. शिव की इस नगरी से ही नागलोक जाने का'रास्ता है। नागकुंड में एक कुआं छिपा हुआ है जहां से ही नागलोक जाने का रास्ता है। नागपंचमी पर यहां दर्शन कारनेसे कालसर्पं योग से मुक्ति मिलती है। अपने तरह क अनोखे ।इस मिंदिर में धवार की सुबह सें ही दशन करने वाली की'लाइन लगी है। धार्मिक मान्यतां के अनूसार शिव की नगरी काशी से ही'नागलक जाने का सरस्ता है। बनारस के जेतपूरा शस्थित ।नागकुंड की प्राचीनता किसी से छ्िपी नहीं है। नागकुड केअंदर ही एक कआं है जहां से नागलोक जाने का रास्ता है।इकआं के अंदर प्राचीन शिवलिंग भी स्थापित है जो साल भरपानी में डबा रहता है और नागपचम्मीं क पहले कुड का'पानी निकाल कर शिवलिंग का श्रंगार किया जाता है।धामिक मान्यताआ की माने तो यहा पर आज भौ नाग ।निवास करते है। नागकंड शस्थित काएं का वणन धम
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धार्मिक और सांस्कृतिक विषयों पर ब्लॉगर का वर्णन: एक धार्मिक और सांस्कृतिक ब्लॉगर वह व्यक्ति है जो अपने ब्लॉग के माध्यम से धर्म, संस्कृति, धार्मिक आदर्शों, त्योहारों, रीति-रिवाजों, और संबंधित विषयों पर जानकारी, विचार, और अभिव्यक्ति साझा करता है। उनके ब्लॉग पोस्ट्स में वे धार्मिक ग्रंथों, सम्प्रदायों के सिद्धांतों, और सांस्कृतिक इतिहास को विश्लेषण करते हैं, और अपने पाठकों को समझाने का प्रयास करते हैं कि धर्म और संस्कृति कैसे हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं।
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2. बनारस पहुंचने की जानकारी ।
रेल मार्ग द्वारा,
वाराणसी मेंं चार रेलवे स्टेशन हैं।
वाराणसी मेंं चार रेलवे स्टेशन हैं।
वाराणसी जंक्शन :- वाराणसी रेलवे जंक्शन को आमतौर पर वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाता है। इस स्टेशन से रोजाना 1.5 लाख से अधिक यात्रियों और रोजाना 240 से अधिक ट्रेनों की आवा - जाहि होती है।
मुगल सराई जंक्शन :- जो वाराणसी से करीब 8 किलोमीटर दूर है। इस रेलवे स्टेशन से विशेष रूप से पूर्वी भारत के लिए कई ट्रेनें चलती है।इसका नाम पं दीनदयाल जंक्शन भी वर्त्तमान में है।यह एशिया का सबसे बड़ा जंक्शन है ।
डुवाडीह रेलवे स्टेशन :- वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन से करीब 4 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। यह स्टेशन उत्तर पूर्वी रेलवे की ट्रेनों को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया है।
राजधानी एक्सप्रेस, शिवगंगा एक्सप्रेस, लोकमान्य तिलक वाराणसी एक्सप्रेस, विभूति एक्सप्रेस, हावड़ा जोधपुर एक्सप्रेस, गंगा कावेरी एक्सप्रेस, संगमित्र एक्सप्रेस, सिकंदराबाद पटना एक्सप्रेस और मारुधर एक्सप्रेस कुछ प्रमुख ट्रेनें हैं जो भारत भर से वाराणसी जाते हैं।
सड़क मार्ग द्वारा
वाराणसी इलाहाबाद, पटना, लखनऊ , रांची और गोरखपुर, आगरा जैसे क ईशहरों के साथ सड़क से जुड़ा हुवा है। । लखनऊ से वाराणसी तक कई आरामदायक वातानुकूलित लक्जरी बसे चलती है। कई राज्यों की सरकारी बस और निजी बस सेवाये और टैक्सी भी भाड़े पर उपलब्ध हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग, एनएच 2 और एनएच 28 से वाराणसी पहुंच सकते है।
हवाई मार्ग द्वारा
लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डा वाराणसी शहर से २६ किलोमीटर की दुरी पर शाहगंज जिला बाबतपुर स्थित है। मुंबई और दिल्ली जैसे कुछ बड़े भारतीय शहरों से जुड़ा हुआ है। एयर इंडिया और इंडिगो जैसी घरेलू एयरलाइंस दिल्ली, खजुराहो, बैंगलोर, मुंबई और गोवा आदि से नियमित उड़ानें संचालित करती हैं। काठमांडू के लिए भी उड़ानें उपलब्ध हैं।यहां से वाराणसी शहर पहुंचने के लिए प्रीपेड टैक्सी किराए पर मिल जाती है। और लगभग 30 मिनट में बनारस पहुंच सकते हैं ।
काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने के ऑनलाइन नम्बर लागाने की व्यवस्था है आपको 300 रुपये प्रति व्यक्ति लगेगा ।दर्शन करने के लिए लिंक
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